F titiksha karunika /तितिक्षया करुणया मैत्र्या - bhagwat kathanak
titiksha karunika /तितिक्षया करुणया मैत्र्या

bhagwat katha sikhe

titiksha karunika /तितिक्षया करुणया मैत्र्या

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 titiksha karunika /तितिक्षया करुणया मैत्र्या


तितिक्षया करुणया मैत्र्या चाखिलजन्तुषु |
समत्वेन च सर्वात्मा भगवान् सम्प्रसीदति ||

भगवान श्री हरि तो अपनों से बड़े के प्रति शीलता छोटों के प्रति दया और बराबर वालों के साथ मित्रता और समस्त जीवो पर समानता का व्यवहार करने से ही प्रसन्न होते हैं , 


 titiksha karunika /तितिक्षया करुणया मैत्र्या

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