Yo Antah Pravishya /योन्तः प्रविश्य मम वाचमिमां
योन्तः प्रविश्य मम वाचमिमां प्रसुप्तां
संजावयत्यखिलशक्तिधरः स्वधाम्ना |
अन्यांश्च हस्तचरणश्रवणत्वगादीन
प्राणान्नमो भगवते पुरुषाय तुभ्यम् ||
प्रभु आपने ही मेरे अंतःकरण में प्रवेश कर मेरे सोई हुई वाणी को सजीव किया है तथा आप ही हाथ पैर कान और त्वचा आदि इंद्रियों को चेतना प्रदान करते हैं मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं |
Yo Antah Pravishya /योन्तः प्रविश्य मम वाचमिमां
- आप के लिए यह विभिन्न सामग्री उपलब्ध है-
भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com
आप हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- click here
हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करने के लिए क्लिक करें- click hear