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श्री गोस्वामी जी एवं श्री हनुमान जी siya ram may sab jag jani story in hindi

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श्री गोस्वामी जी एवं श्री हनुमान जी siya ram may sab jag jani story in hindi

श्री गोस्वामी जी एवं श्री हनुमान जी siya ram may sab jag jani story in hindi
।।जय जय रघुवीर समर्थ।।
siya ram may sab jag jani story in hindi
श्री गोस्वामी जी एवं श्री हनुमान जी siya ram may sab jag jani story in hindi
  • श्री गोस्वामी जी एवं श्री हनुमान जी!

श्रीरामचरित मानस लिखने के दौरान तुलसीदासजी ने लिखा-
सिय राम मय सब जग जानी।
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी।।

  • अर्थात 'सब में राम हैं और हमें उनको हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।'

यह लिखने के उपरांत तुलसीदासजी जब अपने गांव की तरफ जा रहे थे तो किसी बच्चे ने आवाज दी- 'महात्माजी, उधर से मत जाओ। बैल गुस्से में है और आपने लाल वस्त्र भी पहन रखा है।'

तुलसीदासजी ने विचार किया कि हूं, कल का बच्चा हमें उपदेश दे रहा है। अभी तो लिखा था कि सब में राम हैं। मैं उस बैल को प्रणाम करूंगा और चला जाऊंगा।

पर जैसे ही वे आगे बढ़े, बैल ने उन्हें मारा और वे गिर पड़े। किसी तरह से वे वापस वहां जा पहुंचे, जहां श्रीरामचरित मानस लिख रहे थे। सीधे चौपाई पकड़ी और जैसे ही उसे फाड़ने जा रहे थे कि श्री हनुमानजी ने प्रकट होकर कहा- तुलसीदासजी, ये क्या कर रहे हो?

तुलसीदासजी ने क्रोधपूर्वक कहा, यह चौपाई गलत है और उन्होंने सारा वृत्तांत कह सुनाया।

हनुमानजी ने मुस्कराकर कहा- चौपाई तो एकदम सही है। आपने बैल में तो भगवान को देखा, पर बच्चे में क्यों नहीं? आखिर उसमें भी तो भगवान थे। वे तो आपको रोक रहे थे, पर आप ही नहीं माने।

तुलसीदास जी को एक बार और चित्रकूट पर श्रीराम ने दर्शन दिए थे तब तोता बन कर हनुमान जी ने दोहा पढ़ा था:
चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़।
 तुलसी दास चंदन घीसे तिलक करें रघुबीर।

  • *श्री हनुमान जी~

जन्मस्थान~ सुमेरु पर्वत।
वर्ग~ किंपुरुष।
गण~ वानर।
माता~ अंजना (शापित पुंजिक्स्थला)।
पिता~ केसरी।
मानस पिता~ महारुद्र शिव/ ग्यारहवें रुद्र के अवतार।
संरक्षक पिता~ मरुद्गण (पवनदेव)।
कार्यस्थान~ किष्किन्धा एवं अयोध्या जी।
लंबाई~ सामान्य पुरुष की तुलना में बहुत लंबे।
शरीर सौष्ठव~ सुगठित, वज्रसमान कठोर और आकर्षक।
पहचान चिन्ह~ इंद्र के वज्र प्रहार से टेढ़ी हुई ठोडी।
अतिरिक्त विशेषता~ सक्रिय पूंछ।
शिक्षा~ सम्पूर्ण वेदवेदांग, शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता।
गुरु~ विवस्वान (सूर्य), शिव, मरुद्गण।
प्रमुख शस्त्र~ गदा।

  • प्रमुख युद्ध~~~~!

०१~ देवलोक का युद्ध~ विरुद्ध विवस्वान, राहु, इंद्र।
०२~ गुरुदक्षिणा का युद्ध~ विरुद्ध शनि।
०३~ अशोकवाटिका का युद्ध~ विरुद्ध अक्षयकुमार, इंद्रजीत।
०४~ लंका का युद्ध~ विरुद्ध रावण, कुम्भकर्ण।
०५~ वीरपुर का युद्ध~ विरुद्ध महारुद्र शिव।
०६~ सरयू तट का युद्ध~ विरुद्ध श्री राम।
०७~ वाल्मीकि आश्रम का युद्ध~ विरुद्ध लव-कुश।

श्री भूतभावन भगवान आसुतोष, शशांक शेखर, पार्वती वल्लभ, देवाधिदेव महादेव ने ही श्री राम प्रभु की सेवा हेतु वानर रुप में अवतार धारण किया। इसे गोस्वामी तुलसीदास जी दोहावली में प्रमाणित करते हैं~

 सरीर रति राम सों सोई आदरहिं सुजान।
रुद्रदेह तति नेह बस संकर भे हनुमान।।

जानि राम सेवा सरस समुझि करब अनुमान।
पुरुषा ते सेवक भए हर ते भए हनुमान।। 

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श्री गोस्वामी जी एवं श्री हनुमान जी siya ram may sab jag jani story in hindi
श्री गोस्वामी जी एवं श्री हनुमान जी
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