लगा प्रेम राधामोहन सों- ब्रज के भजन पद लगा प्रेम राधामोहन सों- ब्रज के भजन पदलगा प्रेम राधामोहन सों छटा और नहीं भाती है। चूर हुआ दिल देखि ललित छबि पुनि पुनि वही सुहाती है।। भीतर बाहर द्वार पौर पै बाँकी छबि दरसाती है। 'ललितलडैती' युगल-प्रेम में पल छिन नींद न आती है।। सभी पदों की सूची देखने के लिए क्लिक करें Bhagwat Kathanak Katha Hindibraj ke pad लगा प्रेम राधामोहन सों- ब्रज के भजन पद Share this post