F सुनो चितचोर छैल गिरधारी। ब्रज के भजन पद - bhagwat kathanak
सुनो चितचोर छैल गिरधारी। ब्रज के भजन पद

bhagwat katha sikhe

सुनो चितचोर छैल गिरधारी। ब्रज के भजन पद

सुनो चितचोर छैल गिरधारी। ब्रज के भजन पद

 सुनो चितचोर छैल गिरधारी। ब्रज के भजन पद

सुनो चितचोर छैल गिरधारी। ब्रज के भजन पद

सुनो चितचोर छैल गिरधारी। 
तबसों जिये चैन नहीं आवै सूरति देखि तिहारी।। 
मदन गोपाल माधुरी मूरति मोह लई ब्रज सारी। 
और न मानें अनत न जाऊं एकहि आस तिहाri 
भलें होय जग चर्चा मेरी लिखी टरत नहीं टारी। 
'ललितल.ती' को अपनावह या छबि पै बलिहारा।।

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Bhagwat Kathanak            Katha Hindi
braj ke pad 

 सुनो चितचोर छैल गिरधारी। ब्रज के भजन पद


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