वृन्दावन के राजा दोऊ -ब्रज के भजन पद
वृन्दावन के राजा दोऊ श्याम राधिका रानी।
चारि पदारथ करत मजूरी मुक्ति भरैं जहां पानी।।
कर्म धर्म दोऊ बटत जेवरी घर छाये बड़ज्ञानी।
योगी यती तपी संन्यासी महिमा किनहु न जानी।।
पचिहारे वेद पुराण लगुनियाँ गावत सगुनियाँ बानी।
घर घर प्रेम भक्ति की महिमा सहचरि 'व्यास' बखानी।।
braj ke pad