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हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दरद न जाणै कोय। heri mai to prem diwani

bhagwat katha sikhe

हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दरद न जाणै कोय। heri mai to prem diwani

हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दरद न जाणै कोय। heri mai to prem diwani

 हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दरद न जाणै कोय। heri mai to prem diwani

हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दरद न जाणै कोय। heri mai to prem diwani

हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दरद न जाणै कोय। 
घायल की गति घायल जाणै जो कोई घायल होय।। 
जौहर की गति जौहर जाणै की जिन जौहर होय । 
सली ऊपर सेज हमारी सोबण किस विध होय।। 
गगनमंडल पर सेज पिया की किस विध मिलणा होय। 
दरद की मारी वन वन डोलूँ वैद मिल्या नहीं कोय।। 
'मीरा' की प्रभु पीर मिटेगी जब वैद संवलिया होय।

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Bhagwat Kathanak            Katha Hindi
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 हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दरद न जाणै कोय। heri mai to prem diwani


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