रटत रटत राधा-मनमोहन ratat ratat radha mohan रटत रटत राधा-मनमोहन ratat ratat radha mohan रटत रटत राधा-मनमोहन अपनौं जनम बितावैगे। लिखत-लिखत लीला रस दम्पत्ति नैनन नीर बहावेंगे।। सुनत-सुनत गुण छली छबीली निशदिन प्रेम बढावेंगे। "लड़ितलइती' अचल वास ब्रज ऐसे दिन कब आवैगे।। सभी पदों की सूची देखने के लिए क्लिक करें Bhagwat Kathanak Katha Hindi रटत रटत राधा-मनमोहन ratat ratat radha mohan Share this post