श्री राधे गोविन्दा गोपाला तेरा प्यारा नाम है। shri radhe govinda
श्री राधे गोविन्दा गोपाला तेरा प्यारा नाम है।। टेक०
मोर मुकुट माथे तिलक विराजे गल बैजन्ती माला।
कोई कहे वसुदेवकी-नन्दन कोई कहे नन्दलाला।।
जमुना किनारे कृष्ण कन्हैया मुरली मधुर बजावे।
ग्वाल-बाल के संग में कान्हा माखन मिसरी खावे।।
जल में गज को ग्राह ने घेरा पल में चक्र चलाया।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर नंगे पाँवन धाया।।
द्रोपदी ने जब तुम्हें पुकारा साड़ी आन बढ़ाई।
भक्तों के खातिर आप बने प्रभु आकर नन्दा नाई।।
अर्जुन का रथ तुमने हांका भारत भई लड़ाई।
नाम को लेकर विष भी पी गई देखो मीराबाई।।
नरसी के सब काज सँवारे मुझको मत विसरारे।
जनम-जनम से तेरा “पगला" तेरा ही नाम पुकारे।।