F कदा वाराणस्याममरतटिनी shiva slokas in sanskrit lyrics - bhagwat kathanak
कदा वाराणस्याममरतटिनी shiva slokas in sanskrit lyrics

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कदा वाराणस्याममरतटिनी shiva slokas in sanskrit lyrics

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कदा वाराणस्याममरतटिनीरोधसि वसन 
वसानः कौपीनं शिरसि निदधानोऽञ्जलिपुटम्। 
अये गौरीनाथ त्रिपुरहर शम्भो त्रिनयन 
प्रसीदेत्याक्रोशन् निमिषमिव नेष्यामि दिवसान्॥११॥
काशीपुरीमें देवनदी श्रीगङ्गाजीके तट पर निवास करता हुआ, कौपीनमात्र धारण किये, अपने मस्तकपर अञ्जलि बाँध करके, " हे गौरीनाथ ! त्रिपुरारि त्रिनयन शम्भो !! प्रसन्न होइये'- ऐसा कहते हुए, मैं अपने दिनोंको क्षणके समान कब बिताऊँगा? ॥१११ ।।

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