धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च /dhrista ketuh chekitan
धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङवः॥१-५॥
-: हिंदी भावार्थ :-
धृष्टकेतु और चेकितान तथा बलवान काशिराज, पुरुजित, कुन्तिभोज और मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य, ॥