गोपाल का अर्थ gopal ka arth
इस प्रकार आगे की कथा को जानने हेतु गर्ग संहिता के अनुसार यह जानना चाहिए कि नन्द, उपनन्द आदि का मतलब क्या है? इसका उतर इस प्रकार है कि एक बार ब्रह्माजी ने भगवान् नारायण से प्रार्थना किया कि हे प्रभो ! कुछ बातें आप से जानना चाहते हैं कृप्या बतलाइये। भगवान् कहा' कहिये, तो ब्रह्मा जी ने कहा हे प्रभु ! गोपाल आदि का मतलब क्या होता है ?
गोपाल :- गो का अर्थ वाणी, इन्द्रिय और परमात्मा होता है। गो माने गाय, सदाचार, धर्म इत्यादि होता है। जो गोशाला में गायों का पालन करता रहे और गो सेवा ही अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य माना हो, उसे ही गोपाल कहते हैं ।