वृज के नंद लाला brij ke nandlala lyrics
वृज के नंद लाला
व्रज के नंद लाला राधा जी के सांवरिया
सव दुख दूर हुये जव तेरा नाम लीया
मीरा
पुकारे तुम्हें गिरधर गोपाला
वन
गया अमृतमय विष का भरा प्याला
कौन
मिटाये उसे जिसे तूने राख लिया! सव दुख दूर हुये....
जव तेरे गोकुल में आई विपदा भारी,
एक इसारे पर सारी विपदा टारी
उठ गया गोवरधन जिसे तूने धार लिया! सव दुख दूर हुये.....
नैनौ
में श्याम वसे मन में वनवारी,
सुध
विसराय गयी मुरली की धुन प्यारी
मेरे
मन मंन्दिर में रास रचाओं रसिया! सव दुख दूर हुये...
देख रहे हो तुम मेरे दुखडे सारे,
कव दर्शन देओगे मेरी आंखों के तारे
अधर पर मुरली है कांधे कामरिया! सव दुख दूर हुये.