ganesh vandana lyrics गणेश वन्दना

ganesh vandana lyrics गणेश वन्दना


गणेश वन्दना

लम्बोदरं परम सुन्दर एकदन्तं
पीताम्बरं त्रिनयनं परमंपवित्रम्।
उद्यद्धिवाकर निभोज्ज्वल कान्ति कान्तं
विध्नेश्वरं सकल विध्नहरं नमामि॥
वे देव जो लम्बोदर होते हुए भी अत्यन्त सुन्दर हैं,जिनके एक ही दाँत है।जो पीताम्बरधारी तथा तीन नेत्रों वाले हैं,जो परम पवित्र हैं,जिनकी कान्ति उदयकालीन सूर्य के समान उज्ज्वल दिखाई देती है,उन सर्वविघ्नहारी विघ्नेश्वर को मैं नमस्कार करता हूँ॥

सिन्दूरवर्णं द्विभुजं गणेशं,लम्बोदरं पद्मदले निविष्टम्।
ब्रह्मादिदेवै: परिसेव्यमानं,सिद्धैर्युतं तं प्रणमामि देवम्॥
शत चित्त आनन्द दाता भगवान श्रीगणेश की अंगकान्ति सिन्दूर के समान है।उनकी दो भुजाएं हैं,वे लम्बोदर हैं और कमलदल पर विराजमान हैं,ब्रह्मा आदि देवता उनकी सेवा में लगे हैं, तथा वे सिद्ध सन्त समुदाय से युक्त (घिरे हुए) हैं।ऐसे श्रीगणपतिदेव को मैं प्रणाम करता हूँ।

ganesh vandana lyrics गणेश वन्दना

0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close