मेरे बांके बिहारी सवरिया mere banke bihari piya
मेरे बांके बिहारी सवरिया
मेरे बांके बिहारी सवरिया तेरा जलवा कहां पर नही है
आंख
वालौ ने तुमको है देखा, कान वालौ ने तुमको सुना है।
तेरा
दर्शन उसी को हुआ है जिसकी आंखौ पर परदा नही है ।
लोग पीते है पी पी के गिरते. हम पीते है गिरते नही है ।
हम तो पीते है संतसंग का प्याला, ये
अंगुरी वाला नही है ॥
ये
नशा जल्दी चढता नही है चढ जाय तो उतरता नही है ।
लोग
पीते है दुनियां के डर से,
हमें दुनिया की परवाह नही है ।