प्रात: स्मरणीय वन्दना pratah smaran mantra

 प्रात: स्मरणीय वन्दना pratah smaran mantra

प्रात: स्मरणीय वन्दना

. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

 

2. सच्चिदानन्दरूपाय विश्वोत्पत्त्यादिहेतवे ।

तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः ॥

 

ध्येयं सदा परिभवघ्नमभीष्टदोहम्,

तीर्थास्पदं शिवविरिञ्चिनुतं शरण्यम् ।

भृत्यार्तिहं प्रणतपाल भवाब्धिपोतम्,

वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् ॥

 

3. वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात्,

पीताम्बरादरुणबिम्बफलाधरोष्ठात् ।

पूर्णेन्दुसुन्दरमुखादरविन्दनेत्रात्,

कृष्णात्परं किमपि तत्वमहं न जाने ॥

प्रात: स्मरणीय वन्दना pratah smaran mantra



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