सुप्रसिद्ध कथावाचक एवं प्रशिक्षक:- आचार्य शिवम् मिश्र जी महाराज ( संकर्षण रामानुज दास )
महाराज श्री का परिचय:- संत भगवन्त चरणानुरागी, भक्त ह्रदय आचार्य शिवम मिश्र जी का जन्म चित्रकूट क्षेत्र अंतर्गत मध्य प्रदेश- सतना जिला अंतर्गत गैवीनाथ धाम प्रसिद्ध शिव क्षेत्र पर हुआ।
महाराज श्री 11 वर्ष की अवस्था पर भारतवर्ष की प्राचीनतम परंपरा- गुरुकुल पर चले गए। और यहीं से संस्कृत संस्कृति और अध्यात्म रूप ज्ञान गुरु चरणों पर बैठकर प्राप्त करने लगे प्रथमा से लेकर उत्तर मध्यमा पर्यंत 6 साल गुरुकुल की शिक्षा को पूर्ण कर महाराज श्री भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थली श्री धाम वृंदावन पर आ गए।
श्री वृंदावन धाम आने के बाद भक्ति के उस अनुपम स्वरूप का अनुभव कर महाराज श्री गुरु और संतो के चरणों में बैठकर श्री भागवत महापुराण, शिव महापुराण, राम कथा, देवी भागवत का अध्ययन किया।
महाराज श्री अपने शास्त्री और आचार्य की पढ़ाई करते हुए, वहीं के गुरुकुल में छात्रों को वैदिक ज्ञान, व्याकरण, साहित्य आदि की शिक्षा भी प्रदान करते रहें।
महाराज श्री अपनी शिक्षा दीक्षा पूर्ण कर अध्यात्म रूपी ज्ञान समस्त जनमानस के बीच वैदिक ज्ञान का वह अनुपम स्वरूप प्रस्तुत करने के लिए, कथा प्रवचन रूपी यात्रा- 2017 से अब तक अनवरत रूप से कर रहे हैं।
साथ ही ऑनलाइन माध्यम से भागवत कथा, शिव कथा, राम कथा, वैदिक कर्मकांड की शिक्षा भी छात्रों को प्रदान कर रहे हैं।