F ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः इसका भावार्थ हिंदी में sarve bhavantu sukhinah hindi - bhagwat kathanak
ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः इसका भावार्थ हिंदी में sarve bhavantu sukhinah hindi

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ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः इसका भावार्थ हिंदी में sarve bhavantu sukhinah hindi

ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः इसका भावार्थ हिंदी में sarve bhavantu sukhinah hindi

ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः इसका भावार्थ हिंदी में sarve bhavantu sukhinah hindi

ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः इसका भावार्थ हिंदी में sarve bhavantu sukhinah hindi

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्॥

ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्॥ यह मंत्र संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसका अर्थ है कि "सभी सुखी हों, सभी निरोग हों, सभी मंगलमय घटनाओं को देखें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।" यह मंत्र हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है और इसे प्रायः प्रार्थनाओं और धार्मिक अनुष्ठानों में उच्चारित किया जाता है। इस मंत्र का उद्देश्य मानवता के कल्याण और सर्वजनिक सुख की कामना करना है।

मंत्र का शाब्दिक अर्थ- ॐ: यह ध्वनि ब्रह्मांड की मूल ध्वनि मानी जाती है। यह ईश्वर का प्रतीक है और सभी मंत्रों का आरंभ इसी से होता है।

सर्वे भवन्तु सुखिनः: इसका अर्थ है कि सभी प्राणी सुखी हों।

सर्वे सन्तु निरामयाः: इसका अर्थ है कि सभी प्राणी निरोग हों।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु: इसका अर्थ है कि सभी प्राणी मंगलमय घटनाओं को देखें।

मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्: इसका अर्थ है कि किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
मंत्र का भावार्थ

यह मंत्र मानवता के लिए एक सार्वभौमिक प्रार्थना है। इसमें सभी प्राणियों के लिए सुख, स्वास्थ्य और मंगल की कामना की गई है। यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि हमारी खुशी और सुख केवल हमारे अपने तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि यह सभी के लिए होना चाहिए। यह मंत्र हमें दूसरों के प्रति दया और करुणा का भाव रखने की प्रेरणा देता है।

मंत्र का दार्शनिक पहलू- यह मंत्र वेदान्त दर्शन के सिद्धांतों पर आधारित है। वेदान्त के अनुसार, सभी प्राणी एक ही परमात्मा के अंश हैं और इसलिए सभी के सुख और दुःख एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब हम दूसरों के लिए सुख की कामना करते हैं, तो वास्तव में हम अपने लिए सुख की कामना कर रहे होते हैं। यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि हमारा सच्चा सुख तभी संभव है जब सभी प्राणी सुखी हों।

मंत्र का सामाजिक पहलू- यह मंत्र सामाजिक समरसता और एकता का संदेश देता है। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने समाज और समुदाय के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। हमें केवल अपने स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि सभी के कल्याण के लिए काम करना चाहिए। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमारा समाज तभी सुखी और समृद्ध हो सकता है जब सभी लोग सुखी और स्वस्थ हों।
मंत्र का आध्यात्मिक पहलू

यह मंत्र आध्यात्मिक जागरूकता और ईश्वर के प्रति समर्पण का संदेश देता है। यह हमें यह सिखाता है कि हमारा सच्चा सुख और शांति ईश्वर की कृपा से ही संभव है। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें ईश्वर की इच्छा के अनुसार जीवन जीना चाहिए और उनके प्रति समर्पित होना चाहिए।

मंत्र का व्यक्तिगत पहलू- यह मंत्र हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रेरणा देता है। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और आशावाद का भाव रखना चाहिए। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमारा सच्चा सुख तभी संभव है जब हम दूसरों के सुख के लिए काम करें। यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में दया, करुणा और प्रेम का भाव रखना चाहिए।

मंत्र का वैज्ञानिक पहलू- यह मंत्र वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह हमें यह सिखाता है कि हमारा शरीर और मन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब हम सकारात्मक विचार रखते हैं, तो हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने शरीर और मन की देखभाल करनी चाहिए और उन्हें स्वस्थ रखना चाहिए।

मंत्र का नैतिक पहलू- यह मंत्र नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों का संदेश देता है। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में सत्य, अहिंसा और न्याय का पालन करना चाहिए। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने कर्मों के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए और उन्हें सही ढंग से करना चाहिए।
मंत्र का मनोवैज्ञानिक पहलू

यह मंत्र मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने मन को शांत और स्थिर रखना चाहिए। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने मन को नकारात्मक विचारों से दूर रखना चाहिए और सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए।

मंत्र का आधुनिक संदर्भ- आधुनिक समय में, जब दुनिया भर में तनाव, अशांति और असमानता बढ़ रही है, यह मंत्र और भी प्रासंगिक हो जाता है। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने समाज और दुनिया के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में शांति, सद्भाव और एकता का भाव रखना चाहिए।

निष्कर्ष- ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्॥ यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि हमारा सच्चा सुख तभी संभव है जब सभी प्राणी सुखी हों। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में दया, करुणा और प्रेम का भाव रखना चाहिए। यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि हमें अपने समाज और दुनिया के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। 

यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में शांति, सद्भाव और एकता का भाव रखना चाहिए। यह मंत्र हमें यह सिखाता है कि हमारा सच्चा सुख और शांति ईश्वर की कृपा से ही संभव है। यह मंत्र हमें यह याद दिलाता है कि हमें ईश्वर की इच्छा के अनुसार जीवन जीना चाहिए और उनके प्रति समर्पित होना चाहिए।

ॐ सर्वे भवन्तु सवन्तु सुखिनः इसका भावार्थ हिंदी में sarve bhavantu sukhinah hindi


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