hasya vyang short story in hindi
श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कहानियाँ
1.कहानी- हमें कोई हरा हि नहीं पाया |
एक व्यक्ति बोला कि काशी में बड़े-बड़े विद्वान हुए पर हमें कोई हरा नहीं पाया |किसी ने कहा कोई नहीं हरा पाया क्या बात करते हो कैसे नहीं हरा पाया कोई तुम्हें , तो बोला उसने कि हमने किसी की मानी ही नहीं तो कोई हरा कैसे सकता है , तो कोई माने हि ना किसी कि तो किसी को हराने का उपाय ही क्या है |
2.कहानी- चंचल घोड़े की सवारी |
एक घोड़ा था वह बहुत चंचल था उसके मालिक ने उस चंचल घोड़े के ऊपर दो हजार रुपए का इनाम लगाया और बोला कि इस पर जो सवारी करके बताएगा उसे दो हजार इनाम दिए जाएंगे | एक आदमी बोला मैं बैठता हूं , वह बैठा घोड़ा इतना चंचल था कि एक ही छलांग लंबी जहां लगाया तो वह आदमी- वह व्यक्ति जो बैठा था घोड़े के ऊपर, एक हाथ आगे की ओर खिसक गया, दूसरी छलांग में वह गर्दन के पास आ गया और जैसे ही घोड़े ने तीसरी छलांग लगाई वह गर्दन से नीचे अबकी बार जमीन में आकर धड़ाम से गिर गया | लोगों ने कहा गिर गया गिर गया उसे उठाओ उठाओ- गिर गया ! उसने कहा- किसने कहा गिर गया, अरे मैं जीत गया इनाम दो | लोगों ने कहा धूल से सन गये हो गिरे नहीं हो ? तो बोला नहीं हम तो आगे बढ़ रहे थे पहले छलांग में एक हाथ आगे बढ़े, दूसरे में गर्दन तक और तीसरे में घोड़ा ही खत्म हो गया तो हम आगे बढ़ते रहे और नीचे आ गए | यह है अभिमानियों का गणित ||
3.कहानी- ऊपर देखकर नहीं चल सकते |
एक आदमी छत पर टहल रहा था, दूसरा सड़क से निकला ऊपर वाले ने बिना नीचे देखे पान की तेज पीक चला दी, वह पान का पीक नीचे जा रहे व्यक्ति के सिर पर गिरी, उसने हाथ जोड़कर कहा बाबूजी नीचे देख कर नहीं थूंक सकते हैं क्या ? उसने जवाब दिया तुम ऊपर देख कर क्यों नहीं चलते हो | अब बोलो ,, उसने बोला अगर ऊपर देख कर चल रहे होते तो सिर की जगह पर मुंह पर ही यह पान का पीक होता |
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श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कहानियाँ
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