[ भागवत भजन माला ]
[ धुधंकारी को प्रेत योनी की प्राप्ति ]
मानव जनम् अनमोल रे भजन लिरिक्स भागवत भजन माला
manav janam anmol bhajan lyrics
मानव जनम अनमोल रे मिट्टी में न घोल रेअव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नही कभी नही रे
तू बुलबुला है पानी का मत कर जोश जवानी का
नेक कमाई कर ले वन्दे पता नही जिन्दगानी का
मीठा सब से वोल रे मिट्टी में न घोल रे॥
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नही कभी नही रे
तू सतसंग में जाया कर गीत प्रभु के गाया कर
सुवह साम तू वैठ के वन्दे ध्यान प्रभु का लगाया कर
नही लगता कुछ मोल रे मिट्टी में न घोल रे॥
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नही कभी नही रे
मतलव का संसार है इसका नही ऐतवार है
सम्भल-सम्भल कर कदम बढाना फूल नही अंगार है.
मन की आखै खोल रे मिट्टी में न घोल रे॥
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नही कभी नही रे
मानव जनम अनमोल रे मिट्टी में न घोल रे
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नही कभी नही रे
अव जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नही कभी नही कभी नही रे
मानव जनम् अनमोल रे भजन लिरिक्स भागवत भजन माला
manav janam anmol bhajan lyrics