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कपिल मुनि की कहानी- kapil muni ki kahani

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कपिल मुनि की कहानी- kapil muni ki kahani

कपिल मुनि की कहानी- kapil muni ki kahani
[ महामुनि कपिल ]
भगवान कपिलदेव विष्णु के अन्यतम् अवतार थे। महामुनि कपिल को सांखयोग का प्रणेता माना जाता है। भागवत् के अनुसार प्रजापति कर्दम के औरस से मनुकन्या देवहुति के गर्भ से इनका जन्म, बिन्दु सरोवर आश्रम में हुआ था जो गुजरात में स्थित है। 

ऐसा माना जाता है कि ईश्वर के सत्व अंश से परब्रह्म ने “कपिल" के रूप में जन्म लिया। ताकि वह सांख्ययोग का प्रचार कर सके। 

साख्ययोज्ञाचार्य कपिल ने अपनी माता देवहुति को सिद्धपुर में साख्ययोग की शिक्षा दी थी। यह स्थान गुजरात के पाटन के नजदीक है। भगवान कपिल स्वयाम्भू ज्ञानी थे। 

साख्यवादियों के अनुसार भगवान कपिल ही विश्व के आदि उपदेष्टा, आदि विद्धान और विचारक थे। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कपिल मुनि को सिद्धि वाणों में प्रधान कहा है।
‘सिद्धानाम् कपिलो मुनिः। (गीता १०/६)

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