ज्ञानवर्धक कहानियां
प्रेरक प्रसंग- जीवन मे हट नहीं करना चाहिए |
एक सज्जन थे धार्मिक तो थे लेकिन हट भी उनके अंदर था, वह एक बार रामचरितमानस सुन रहे थे चौपाई आई मानस में--की तुलसीदास जी लिखते हैं कि यह सारा जगत सियाराम ही है, अब वे सज्जन जैसे ही सुने हट की आज देखते हैं कि यह चौपाई सत्य है या नहीं!
रास्ते से जा रहे थे उसी रास्ते में आगे की तरफ से एक बैल आ रहा था जो दौड़ दौड़ कर सबको मारता था, उसकी बड़ी-बड़ी सींग थी ,वह बैल पहले भी कई लोगों के हाथ पैर तोड़ चुका था मार मार के |
अब उस बैल को वे सज्जन देखे तो विचार किया कि अब चौपाई की परीक्षा लेने के लिए बढ़िया मौका है और वे सज्जन बैल की तरफ भागने लगे, वहीं पास में एक व्यक्ति ने जब यह देखा तो आवाज लगाई उन सज्जन को और रोका कि भाई वह बैल बहुत मारता है , उसके पास मत जाओ |
लेकिन वह सज्जन नहीं माने हट में रहे अपनी कि इसके अंदर भी सियाराम है , जैसे ही बैल के पास पहुंचे बैल ने उन सज्जन को अपनी सीगों से उठा उठा कर खूब पटका ,अंग भंग हो गए वह सज्जन |
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अब तो वे सज्जन का गुस्सा सातवें आसमान पर गुरुजी के पास गए जो मानस बांच रहे थे, कहा कि ऐसी ऐसी बात हुई क्यूं बताइए ?
तो महाराज जी ने कहा अच्छा यह बताओ जब तुम उस बैल की तरफ जा रहे थे तो तुम्हें किसी ने रोका नहीं, तब वे सज्जन बोले हां रौका था एक व्यक्ति ने , लेकिन मैं नहीं रुका मैं चौपाई की परीक्षा लेने जा रहा था |
यह चौपाई गलत है मैं जान गया, महाराज जी कहने लगे भाई तुझे जब उस बैल में राम सिया दिखे तो क्या जो व्यक्ति तुम्हें बैल के पास ना जाने के लिए बोल रहा था तो क्या उसमें सियाराम नहीं दिखे तुम्हें |
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जब एक सियाराम ने दूसरे सियाराम की बात नहीं मानी तो तीसरे सियाराम ने पहले वाले सिया राम को उठाकर पटक दिया |
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमे अपने जीवन में कभी हट नहीं करना चाहिए |
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