राम दरस रस बरसै जैसे
आत्मदेव को संत का आर्शिवाद
राम दरस रस बरसै जैसे भजन लिरिक्स
दोहा-राम दरस रस बरसै जैसे भजन लिरिक्स
चहु दिस वरसै राम रस छायौ हरस अपार।
राजा रानी की करै सव मिल जय जय कार
कौसल्या नन्दन राजा राम, जानकी नन्दन राजा राम
जय सिया राम जय जय सिया राम
सीताराम दरस रस बरसै जैसे सावन की झडी
सावन की झडी रे प्यासे प्राणों पे पडी-2
सीता राम......
राम लखन अनमोल नगीना, अवध अगूठी में जड़ दीन्हा
सीता से सोहे जैसे मोती की लड़ी-2 ॥
सीता राम.....
राम सिया को रूप निहारी नाचे गावै सव नर नारी
चल री दरसन करिआवै का सोचत खडी।
सिया राम.....
रोम रोम को नयन वनालो राम सिया के दरसन पालो
वरसों पीछे आयी है ये मिलन की घडी।
सिता राम..........
राम दरस रस बरसै जैसे भजन लिरिक्स
ram daras ras barse bhajan lyrics