F विनम्रता पर सुंदर कहानी vinamrata par ak kahani hindi mein - bhagwat kathanak
विनम्रता पर सुंदर कहानी vinamrata par ak kahani hindi mein

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विनम्रता पर सुंदर कहानी vinamrata par ak kahani hindi mein

विनम्रता पर सुंदर कहानी vinamrata par ak kahani hindi mein
💐💐विनम्रता 💐💐
विनम्रता पर सुंदर कहानी vinamrata par ak kahani hindi mein
एक बार नदी को अपने पानी के*
       *प्रचंड प्रवाह पर घमंड हो गया*
              *नदी को लगा कि ...*
         *मुझमें इतनी ताकत है कि मैं*
  *पहाड़, मकान, पेड़, पशु, मानव आदि*
     *सभी को बहाकर ले जा सकती हूँ*

  एक दिन नदी ने बड़े गर्वीले अंदाज में
         समुद्र से कहा ~ बताओ !
      मैं तुम्हारे लिए क्या-क्या लाऊँ ?
        मकान, पशु, मानव, वृक्ष
           जो तुम चाहो, उसे ...
   मैं जड़ से उखाड़कर ला सकती हूँ.

            *समुद्र समझ गया कि ...*
        *नदी को अहंकार हो गया है*
            *उसने नदी से कहा ~*
            *यदि तुम मेरे लिए*
       *कुछ लाना ही चाहती हो, तो ...*
   *थोड़ी सी घास उखाड़कर ले आओ.*

  नदी ने कहा ~ बस ... इतनी सी बात.
                       अभी लेकर आती हूँ.

 *नदी ने अपने जल का पूरा जोर लगाया*
          *पर ... घास नहीं उखड़ी*
  *नदी ने कई बार जोर लगाया*, लेकिन ...
         *असफलता ही हाथ लगी*

        *आखिर नदी हारकर समुद्र के पास पहुँची और बोली*
   *मैं वृक्ष, मकान, पहाड़ आदि तो उखाड़कर ला सकती हूँ. मगर जब भी घास को उखाड़ने के* *लिए जोर लगाती हूँ, तो वह नीचे की ओर झुक जाती है और मैं खाली हाथ ऊपर से गुजर जाती हूँ..*

 *समुद्र ने नदी की पूरी बात ध्यान से सुनी*
          *और मुस्कुराते हुए बोला ~*
          *जो पहाड़ और वृक्ष जैसे*
                *कठोर होते हैं,*
                * *वे आसानी से उखड़ जाते हैं.*
             किन्तु ...
           *घास जैसी विनम्रता*
           *जिसने सीख ली हो,*
      *उसे प्रचंड आँधी-तूफान या*
   *प्रचंड वेग भी नहीं उखाड़ सकता*

        *जीवन में खुशी का अर्थ*
          *लड़ाइयाँ लड़ना नहीं*,
              ... बल्कि ...
            *उन से बचना है*
      *कुशलता पूर्वक पीछे हटना भी*
         *अपने आप में एक जीत है*

    ... क्योकि ...
     *अभिमान* ~ *फरिश्तों को भी*
                     *शैतान बना देता है,*
     ... और ...
     *नम्रता साधारण व्यक्ति को भी*
                    *फ़रिश्ता बना देती है..!!*

*बीज की यात्रा वृक्ष तक है,*
 *नदी की यात्रा सागर तक है,*
 *और...*
*मनुष्य की यात्रा परमात्मा तक..*

 संसार में जो कुछ भी हो रहा है वह सब ईश्वरीय विधान है,....
 हम और आप तो केवल निमित्त मात्र हैं,
 इसीलिये कभी भी ये भ्रम न पालें कि...
मै न होता तो क्या होता...!!
*🔔*जय श्रीकृष्ण*🔔*
विनम्रता पर सुंदर कहानी

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