जगन्नाथ पंचकम् - jagannAtha panchakam lyrics

जगन्नाथ पंचकम् 

जगन्नाथ पंचकम् - jagannAtha panchakam lyrics


रक्ताम्भोरुहदर्पभञ्जनमहासौन्दर्यनेत्रद्वयं

मुक्ताहारविलम्बिहेममुकुटं रत्नोज्ज्वलत्कुण्डलम् ।

वर्षामेघसमाननीलवपुषं ग्रैवेयहारान्वितं

पार्श्वे चक्रधरं प्रसन्नवदनं नीलाद्रिनाथं भजे ॥ १॥


फुल्लेन्दीवरलोचनं नवघनश्यामाभिरामाकृतिं

विश्वेशं कमलाविलासविलसत्पादारविन्दद्वयम् ।

दैत्यारिं सकलेन्दुमंडितमुखं चक्राब्जहस्तद्वयं

वन्दे श्रीपुरुषोत्तमं प्रतिदिनं लक्ष्मीनिवासालयम् ॥ २॥


उद्यन्नीरदनीलसुन्दरतनुं पूर्णेन्दुबिम्बाननं

राजीवोत्पलपत्रनेत्रयुगलं कारुण्यवारांनिधिम् ।

भक्तानां सकलार्तिनाशनकरं चिन्तार्थिचिन्तामणिं

वन्दे श्रीपुरुषोत्तमं प्रतिदिनं नीलाद्रिचूडामणिम् ॥ ३॥


नीलाद्रौ शंखमध्ये शतदलकमले रत्नसिंहासनस्थं

सर्वालंकारयुक्तं नवघन रुचिरं संयुतं चाग्रजेन ।

भद्राया वामभागे रथचरणयुतं ब्रह्मरुद्रेन्द्रवंद्यं

वेदानां सारमीशं सुजनपरिवृतं ब्रह्मदारुं स्मरामि ॥ ४॥


दोर्भ्यां शोभितलांगलं समुसलं कादम्बरीचञ्चलं

रत्नाढ्यं वरकुण्डलं भुजबलैराकांतभूमण्डलम् ।

वज्राभामलचारुगण्डयुगलं नागेन्द्रचूडोज्ज्वलं

संग्रामे चपलं शशांकधवलं श्रीकामपालं भजे ॥ ५॥

इति श्रीजगन्नाथपञ्चकं समाप्तम् ॥


रामानुज सम्प्रदाय के स्तोत्रों की यहाँ पर सूची दी गयी है , जो भी स्तोत्र का पाठ करना हो उस पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। 

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके स्तोत्र संग्रह की लिस्ट [सूची] देखें-

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