सुमङ्गलस्तोत्र- sumangla stotra sanskrit lyrics

 सुमङ्गलस्तोत्र 

सुमङ्गलस्तोत्र- sumangla stotra sanskrit lyrics

सुमङ्गलं मङ्गलमीश्वराय ते सुमङ्गलं मङ्गलमच्युताय ते ।

सुमङ्गलं मङ्गलमन्तरात्मने सुमङ्गलं मङ्गलमब्जनाभ ते ॥


सुमङ्गलं श्रीनिलयोरुवक्षसे सुमङ्गलं पद्मभवादिसेविते ।

सुमङ्गलं पद्मजगन्निवासिने सुमङ्गलं चाश्रितमुक्तिदायिने ॥


चाणूरदर्पघ्नसुबाहुदण्डयोः सुमङ्गलं मङ्गलमादिपूरुष ।

बालार्ककोटिप्रतिमाय ते विभो चक्राय दैत्येन्द्रविनाशहेतवे ॥


शङ्खाय कोटिन्दुसमानतेजसे शार्ङ्गाय रत्नोज्ज्वलदिव्यरूपिणे ।

खड्गाय विद्यामयविग्रहाय ते सुमङ्गलं मङ्गलमस्तु ते विभो ॥


तदावयोस्तत्त्व विशिष्टशेषिणे शेषित्वसम्बन्धनिबोधनाय ते ।

यन्मङ्गलानां च सुमङ्गलाय ते पुनः पुनर्मङ्गलमस्तु सन्ततम्


रामानुज सम्प्रदाय के स्तोत्रों की यहाँ पर सूची दी गयी है , जो भी स्तोत्र का पाठ करना हो उस पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। 

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके स्तोत्र संग्रह की लिस्ट [सूची] देखें-

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