F दैवज्ञं तु समाहूय - Daivajñaṁ tu samāhūya - bhagwat kathanak
दैवज्ञं तु समाहूय - Daivajñaṁ tu samāhūya

bhagwat katha sikhe

दैवज्ञं तु समाहूय - Daivajñaṁ tu samāhūya

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दैवज्ञं तु समाहूय - Daivajñaṁ tu samāhūya 

दैवज्ञं तु समाहूय मुहूर्तं प्रच्छपयत्नतः |

विवाहे यादृशं वित्तं तादृशं परिकल्पयेत ||
जिन्हें कथा करानी है वे सर्वप्रथम किसी ज्योतिषी से उत्तम मुहूर्त पूंछे  और जैसे विवाह में प्रसन्नतापूर्वक धन खर्च करते हैं उसी प्रकार कथा में बिना कंजूसी के धन खर्च करें |

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 भागवत कथा , राम कथा , गीता , पूजन संग्रह , कहानी संग्रह , दृष्टान्त संग्रह , स्तोत्र संग्रह , भजन संग्रह , धार्मिक प्रवचन , चालीसा संग्रह , kathahindi.com 

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