Muni Ke Laxan
मुनि कौन होता है?
मुनि कौन? जो जागृत है, वह मुनी है, जिसका मन मौन हो गया है, वह मुनि है।
एक सन्यासी और संसारी में केवल इतना ही तो अंतर होता है कि जो भटकते रहें लेकिन मन एक जगह टिका रहे, वह सन्यासी है और जिसके पैर एक जगह टिके रहें और मन दुनियाभर में भटकता हो वह संसारी है।
जो मन को मना ले वह मुनि को मना ले वह मनि रहें और मन दुनिया भर में भटकता हो वह संसारी है।
जो मन को मना ले वह मुनि और मन जिसको मना ले वह संसारी है। मन पर नियंत्रण कर लेना ही मुनित्व है।
Muni Ke Laxan