विद्यते ह्रदयग्रन्थि /vidyate hradayagranthi
विद्यते ह्रदयग्रन्थिश्छिद्यन्ते सर्व संसयाः |
क्षीयन्ते चास्य कर्माणि दृष्टएवात्मनीश्वरे ||
जब उस तत्व का ज्ञान होता है तब ह्रदय की गांठ खुल जाती है समस्त संदेह निवृत्त हो जाते हैं और कर्म बंधन छीड़ हो जाते हैं |
विद्यते ह्रदयग्रन्थि /vidyate hradayagranthi
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