नैषातिदु: सहा क्षुन्मां /Naiṣātiduh Sahā kṣhunmāṁ
नैषातिदु: सहा क्षुन्मां त्यक्तोदमपि बाधते।
पिबन्तं त्वन्मुखाम्भोजच्युतं हरिकथामृतम्।। १०/१/१३
गुरुदेव आप मुझे जो कथामृत का पान करा रहे हैं इससे मुझे भूख-प्यास बिल्कुल नहीं लग रही और गुरुदेव प्यास के कारण मुझसे एक ऋषि का अपराध हुआ था इसलिए मुझे भूख प्यास बिल्कुल नहीं सता रही | नैषातिदु: सहा क्षुन्मां /Naiṣātiduh Sahā kṣhunmāṁ
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