पिता न पुत्र परपाल/pita na putra parapal
पिता न पुत्र परपाल ये दशौ माता यशोदा न सुतं प्रयाति |
गावश्च नैवाग्रत एव यान्ति कथं वसामोत्र विकुण्ठलोके |
जहां नंदबाबा अपने पुत्र कन्हैया का लालन नहीं करते , मैया यशोदा जहां कन्हैया को लोरी सुना कर नहीं सुलाती ,जहां कन्हैया गौवे नहीं चलते ,वहा हमें नहीं रहना या उस वैकुण्ठ लोक मे हमे नहीं रहना |
पिता न पुत्र परपाल/pita na putra parapal
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