F रजसाघोर संकल्पा /rajsa ghor sankalpa - bhagwat kathanak
रजसाघोर संकल्पा /rajsa ghor sankalpa

bhagwat katha sikhe

रजसाघोर संकल्पा /rajsa ghor sankalpa

रजसाघोर संकल्पा /rajsa ghor sankalpa

 रजसाघोर संकल्पा /rajsa ghor sankalpa


रजसाघोर संकल्पा कामुका अहिमन्यवः |
दाम्भिका मानिनः पापा विहसन्त्यच्युतप्रियान् ||

राजन रजोगुण के कारण ऐसे लोगों के बड़े बड़े संकल्प होते हैं। अनेकों कामनाएं होती है जब उनकी कामनाएं पूर्ण नहीं होती तो उन्हें क्रोध आता है वह अत्यंत परिश्रम करके ग्रह पुत्र मित्र और धन के लिए अनेकों प्रयास करते हैं, परंतु अंत में उन सब को ना चाहते हुए भी उन्हें यह शरीर छोड़ कर जाना पड़ता है और ऐसे लोग ना चाहने पर भी विवश होकर नरक में ही जाते हैं |

 रजसाघोर संकल्पा /rajsa ghor sankalpa


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