राजा दशरथ जी के द्वार नौबत बाजि रही raja dashrath ji ke dwar lyrics
राम जन्म
राजा दशरथ जी के द्वार नौबत बाजि रही ।।
समाचार सुनि सुनि सखी आई
किए सहज अंगार । नौबत...... ।।१।।
मंगल द्रव्य लिए हाथन में
गावत मंगलाचार । नौबत...... ।।२।।
बार बार निरखत सखी शिशु मुख
उर उमगत अति प्यार । नौबत....... ।।३।।
कौन पुण्य करि आई कौशल्या
गोद भरी करतार । नौबत...... ।।४।।
अद्भुत कान्ति राम मुख ऊपर
होत भवन उजियार । नौबत...... ।।५।।
देत बधाई सुहृद जन आए
सुभग भाव उर धार । नौबत...... ।।६।।
कोई प्रविशत कोई निकसत घर से
हिय में हर्ष अपार । नौबत...... ।।७।।
दान देत सम्मान सहित द्विज
याचक लिए हंकार । नौबत...... ॥८॥
मुदित अशीष देत सब गुरु जन
चिरजीवें चारों लाल । नौबत...... ।।९।।
साधु सराहिं सुमन सुर बरसत
बोलत जय जयकार । नौबत...... ।।१०।।
'नारायण' गुण गावत गायक
अंचल नयन पसार । नौबत...... ॥११।।