F कानों में कुण्डल गल kano me kundal lyrics - bhagwat kathanak
कानों में कुण्डल गल kano me kundal lyrics

bhagwat katha sikhe

कानों में कुण्डल गल kano me kundal lyrics

कानों में कुण्डल गल kano me kundal lyrics

कानों में कुण्डल गल kano me kundal lyrics

कानों में कुण्डल गल बैजन्ती माला लागे प्यारी।

राधा के मन में बस गये कुंज बिहारी ॥ 


श्याम रंग की चूनर ओढ़ी, श्याम रंग की चूड़ियाँ, 

अंग-अंग में श्याम सजाये, मिट गई सारी दूरियाँ,

शीश पे प्यारो मुकुट विराजे, लट लटके धुंधरारी॥ 


बैठ कदम की डार कन्हैया, मुरली मधुर बजाये, 

सांझ सकारे मुरली के स्वर, राधा-राधा गाये.
या मुरली की तान पे जाये, सब दुनियाँ बलिहारी॥ 


वृन्दावन की गलियन में, कान्हा रास रचाये, 

कान्हा रचइया राधा रचना, प्रेम सुधा बरसाये,

एक बार सब मिलके बोलो, जय हो बाँकेबिहारी॥

एक जोगी खड़ा तेरे द्वार ak jogi khada tere dwar lyrics

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