F मक्खण खा गया बिहारी makhan kha gaya bihari lyrics - bhagwat kathanak
मक्खण खा गया बिहारी makhan kha gaya bihari lyrics

bhagwat katha sikhe

मक्खण खा गया बिहारी makhan kha gaya bihari lyrics

मक्खण खा गया बिहारी makhan kha gaya bihari lyrics

मक्खण खा गया बिहारी makhan kha gaya bihari lyrics

मक्खण खा गया बिहारी, मेरा हँस-हँस के। 

तैनूं बुलावै राधा-प्यारी, कान्हा हँस-हँस के॥ 


मेरे कोठे उप्पर आँदा, मेरा मक्खण लुट-लुट खान्दा। 

मेरी मटकी फोड़ गिराँदा, जान्दा कोठे टपके ॥ मक्खण.... 


मैं तो दे रही दुहाई, पकड़ौ-पकड़ौ रे कन्हाई।

कित्थे भाग न जावे, जाँन्दा नस-नस के॥ मक्खण....  


तैनूँ कुब्जा पढ़ाई पट्टी, तैनूँ छाछ मिलेगी खट्टी।

मक्खण रोटी देवाँ तत्ती, खाऔ मन भरके ॥ मक्खण.... । 


तू मुरली मधुर बजावें, मैनूं मिट्ठ तान सुनावें।

तेरे चरण-कमल वल जावाँ, दे दर्शन हँस-हँस के॥ मक्खण.... ।

एक जोगी खड़ा तेरे द्वार ak jogi khada tere dwar lyrics

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