मक्खण खा गया बिहारी makhan kha gaya bihari lyrics
मक्खण खा गया बिहारी, मेरा हँस-हँस के।
तैनूं बुलावै राधा-प्यारी, कान्हा हँस-हँस के॥
मेरे कोठे उप्पर आँदा, मेरा मक्खण लुट-लुट खान्दा।
मेरी मटकी फोड़ गिराँदा, जान्दा कोठे टपके ॥ मक्खण....
मैं तो दे रही दुहाई, पकड़ौ-पकड़ौ रे कन्हाई।
कित्थे भाग न जावे, जाँन्दा नस-नस के॥ मक्खण....
तैनूँ कुब्जा पढ़ाई पट्टी, तैनूँ छाछ मिलेगी खट्टी।
मक्खण रोटी देवाँ तत्ती, खाऔ मन भरके ॥ मक्खण.... ।
तू मुरली मधुर बजावें, मैनूं मिट्ठ तान सुनावें।
तेरे चरण-कमल वल जावाँ, दे दर्शन हँस-हँस के॥ मक्खण.... ।
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