F नन्दोत्सव के पद nandotsav ke pad lyrics - bhagwat kathanak
नन्दोत्सव के पद nandotsav ke pad lyrics

bhagwat katha sikhe

नन्दोत्सव के पद nandotsav ke pad lyrics

नन्दोत्सव के पद nandotsav ke pad lyrics

 नन्दोत्सव के पद nandotsav ke pad lyrics

पूत सपूत जन्यौ यशुदा, इतनी सुनि के वसुधा सब दौरी। 

देवन के आनन्द भयौ, पुनि धावत गावत मंगल गौरी। 

नन्द कछु इतनों जो दियो, घनश्याम, कुबेरहुँ की मति बौरी। 

देखत मोहि लुटाय दियो, न बची बछिया, छछिया न पिछोरी॥1॥



आज बरफी सी बृजनारि बनी, गुंजिया से गीत और गूंजा से ग्वाला। 

के पेड़ा से प्यारे बने बलदेव जी, रस खीर सी रोहिणी रूप रसाला।

नन्द महीप बने नमकीन, गोकुल गोप सब गरम मसाला।

जायो यशोदा जलेबी सी रानी ने, आज रबड़ी सी रात में लडुआ सो लाला ॥2॥ । 


मोतिन के चौक पुरे, कंचन कलश धरे, बन्दनवार द्वार पै, बंधी है सुर ताल की।

गुनिजन गान करें, मुनिजन ध्यान धरें? सपने हु न पावै मूरति गोपाल की। । 

प्रेमि कहें यशुदा जी, पालने झुलावै नित्य, मोतिन माल गले, नवलखा ढाल की। 

चिरजीवै नन्दरानी, कोटिबरस तेरौ सुत, नन्दघर आनन्द भयौ, जय कन्हैयालाल की ॥3 ।।

नन्दोत्सव के पद nandotsav ke pad lyrics

www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com

सर्वश्रेष्ठ भजनों की लिस्ट देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें

 नन्दोत्सव के पद nandotsav ke pad lyrics

Ads Atas Artikel

Ads Center 1

Ads Center 2

Ads Center 3