F अनूपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम-श्यामा की anupam madhuri jodi lyrics - bhagwat kathanak
अनूपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम-श्यामा की anupam madhuri jodi lyrics

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अनूपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम-श्यामा की anupam madhuri jodi lyrics

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अनूपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम-श्यामा की anupam madhuri jodi lyrics

अनूपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम-श्यामा की। 
रसीली रसभरी अँखियाँ हमारे श्याम-श्यामा की।। 
कटीली भौं अदा बाँकी सुघर सूरत मधुर बतियाँ। 
लटक गरदन की मन वसियाँ हमारे श्याम-श्यामा की।। 
मुकुट और चन्द्रिका माथे अधर पर पान की लाली। 
अहो कैसी भली छबि है हमारे श्याम-श्यामा की।। 
परस्पर मिलकै जब बिहरैं वे वृन्दावन की कुञ्जन में। 
नहीं वरनत बने शोभा हमारे श्याम-श्यामा की।। 
नहीं कुछ लालसा धन की नहीं निर्वाण की इच्छा। 
'सखी श्यामा' को 4 दरशन दया हो श्याम-श्यामा की।।

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Bhagwat Kathanak            Katha Hindi

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