अनूपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम-श्यामा की anupam madhuri jodi lyrics
अनूपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम-श्यामा की।
रसीली रसभरी अँखियाँ हमारे श्याम-श्यामा की।।
कटीली भौं अदा बाँकी सुघर सूरत मधुर बतियाँ।
लटक गरदन की मन वसियाँ हमारे श्याम-श्यामा की।।
मुकुट और चन्द्रिका माथे अधर पर पान की लाली।
अहो कैसी भली छबि है हमारे श्याम-श्यामा की।।
परस्पर मिलकै जब बिहरैं वे वृन्दावन की कुञ्जन में।
नहीं वरनत बने शोभा हमारे श्याम-श्यामा की।।
नहीं कुछ लालसा धन की नहीं निर्वाण की इच्छा।
'सखी श्यामा' को 4 दरशन दया हो श्याम-श्यामा की।।