बन्दौं स्वमिनि चरण तिहारे। bando svamini charan tihare
बन्दौं स्वमिनि चरण तिहारे।
अरुणकमल मृदु अमल करुण अति, रतिपति मनहि लुभावनवारे।।
सुन्दर सरस सुचारु सुगन्धित, नखमणिचन्द्र अमन्द उजारे।
चन्दन - चर्चित नूपुर - नादित, ब्रह्मानन्द भुलावन हारे।।
सखिजन सेवित, लालित-पालित, अष्टयाम घनश्यामहिं प्यारे।
"श्यामदास' के इष्ट शिरोमणि, तीन लोक वेदन ते न्यारे।।