बन्दौं पद नखचन्द्र किशोरी। bando pad nakh chandra kishori
बन्दौं पद नखचन्द्र किशोरी।
श्रीवृषभानु-भवन की भानु कीरति-कुलहि कलानिधि गोरी।।
वृन्दावन सुख-सम्पति श्यामा रसिकन-जीवनि प्रीतम-जोरी।
परम उदार सुहृद करुणावली महाभाव-मूरति अति भोरी।।
अबलौं भटक्यौ पथ-पाथर ज्यौं लागि रही मति मोरी ठगोरी।
'श्याम' अपनपौ तुव पद हार्यो स्वामिनि बांह गहो अब मोरी।