F कियौ दृगन में धाम श्याम री। ब्रज के भजन पद - bhagwat kathanak
कियौ दृगन में धाम श्याम री। ब्रज के भजन पद

bhagwat katha sikhe

कियौ दृगन में धाम श्याम री। ब्रज के भजन पद

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 कियौ दृगन में धाम श्याम री। ब्रज के भजन पद

कियौ दृगन में धाम श्याम री। ब्रज के भजन पद

कियौ दृगन में धाम श्याम री। 
जित देखौं तितही वही दीखे, मोहिं सूझत नहीं पन्थ धाम री।। 
निरखि हसन सुधि रही न, तनक तन, मैं भई घायल ताहि याम री। 
'ललितलडैती' जाने कियो कहा जी न लगत मेरो काहू काम री।।

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Bhagwat Kathanak            Katha Hindi
braj ke pad 

 कियौ दृगन में धाम श्याम री। ब्रज के भजन पद


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