भोरहिं जा मग हैके निकस्यौ - ब्रज के भजन पद
भोरहिं जा मग हैके निकस्यौ रूप उजागर छैल छली री।
वा मग पै बलिहारि जाऊँ मैं पलकन सो रज झारूँ गली री।।
एक नजर त्रिभुवन मन मोहै, कौन चलाई मेरी चली री।
एक नजर त्रिभुवन मन मोहै, कौन चलाई मेरी चली री।
'ललितलडैती' बिनु देखे वा मो जियरा घबरावै अली री।।
braj ke pad