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जब तेरी डोली निकाली जायेगी। jab teri doli nikali jayegi

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जब तेरी डोली निकाली जायेगी। jab teri doli nikali jayegi

जब तेरी डोली निकाली जायेगी। jab teri doli nikali jayegi

 जब तेरी डोली निकाली जायेगी। jab teri doli nikali jayegi

जब तेरी डोली निकाली जायेगी। 
बिन महूरत के उठाली जाएगी।। 

उन हकीमों से कहा यूं बोलकर।
करते थे दावा किताबें खोलकर।। 
यह दवा हरगिज न खाली जाएगी।। जब.।।

जर सिकन्दर का यहीं सब रह गया।
मरते दम लुकमान भी यूं कह गया।। 
यही घड़ी हरगिज न टाली जाएगी।। जब. || 

क्यों गुलों पर हो रही बुल-बुल निसार।
पीछे है माली खड़ा, हो खबरदार। 
मार कर गोली गिरा ली जाएगी।। जब. ।।

ए मुसाफिर क्यों पसरता है यहाँ। 
यह मिला तुझको किराये पर मका। 
कोठरी खाली करा ली जाएगी।। जब.।।

होगा जब परलोक में तेरा हिसाब। 
जब वहाँ पर क्या कहोगे ये जनाब।। 
जब बही तेरी निकाली जायगी।। जब.।।
जब तेरी डोली निकाली जायेगी। jab teri doli nikali jayegi

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