मन जइयौ मत छोड़ राधारानी के चरण radha rani ke charan
मन जइयौ मत छोड़ राधारानी के चरण।
व्रजरानी के चरन, सुखदानी के चरन ।। मन०
वृषभानु की किशोरी, सुनी गैया हूँ ते भोरी।
प्रीति जानि कैं हू थोरी, तोय राखेंगी शरन।। मन०
मन व्रजरानी के चरन, सुखदानी के चरन।
बाँके ठाकुर की बाँकी ठकुरानी के चरन ।। मन०
जाको श्याम उर हेर, राधे राधे, राधे टेर।
बाँसरी में बेर बेर, करें नाम से रमन ।। मन०
भक्त प्रेमिन बखानी, जाकी महिमा रसखानी।
मिले भीख मनमानी, कर प्यार से वरन ।। मन०
एरे मन मतवारे, छोड़ दुनियाँ के द्वारे।
राधा नाम के सहारे, सोंप जीवन मरन।। मन०