F पिया तेरी चितवन में कछु टोना। piya teri chitvan me kachhu tona - bhagwat kathanak
पिया तेरी चितवन में कछु टोना। piya teri chitvan me kachhu tona

bhagwat katha sikhe

पिया तेरी चितवन में कछु टोना। piya teri chitvan me kachhu tona

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 पिया तेरी चितवन में कछु टोना। piya teri chitvan me kachhu tona

पिया तेरी चितवन में कछु टोना। piya teri chitvan me kachhu tona

पिया तेरी चितवन में कछु टोना। 
तन मन बिसरि गयो तबही ते देख्यो श्याम सलोना।। 
दिंग रहिवे ] होत विकल मन भावत नाहिं भौना। 
लोक चबाव करत घर-घर में धरि रहिये जिये मौना।। 
छूटी लोक-लाज गृह-तन की और कहा अब होना। 
'रसिक' प्रीतम की बानिक निरखत भूल गई गृह गौना।।

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Bhagwat Kathanak            Katha Hindi

 पिया तेरी चितवन में कछु टोना। piya teri chitvan me kachhu tona


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