F श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। shri radha rup lavanya ki vanya - bhagwat kathanak
श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। shri radha rup lavanya ki vanya

bhagwat katha sikhe

श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। shri radha rup lavanya ki vanya

श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। shri radha rup lavanya ki vanya

 श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। shri radha rup lavanya ki vanya

श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। shri radha rup lavanya ki vanya

श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। 
सुन्दर स्निग्ध सुवर्ण सुगोरी कृष्ण-कामिनि कीर्ति-कन्या।। 
नव-यौवन प्रति अंगहि अदभुत करत प्रकाश सुभंगि अगन्या। 
श्यामचन्द्र रसराज मिलन हित उमड़त प्रीति तरंग अनन्या ।। 
रूप-स्वाति क चातक नयना, तकत कञ्ज-पथ वन्दारन्या। 
कब लखि हैं छबि भामिनि स्वामिनि 'ललितविहारिणि' नामसुधन्या।।

 सभी पदों  की सूची देखने के लिए क्लिक करें 


Bhagwat Kathanak            Katha Hindi

 श्रीराधा रूप-लावण्य की वन्या। shri radha rup lavanya ki vanya


Ads Atas Artikel

Ads Center 1

Ads Center 2

Ads Center 3