सुमिरन करले मेरे मना sumiran kar le mere mana
सुमिरन करले मेरे मना, तेरी बीती उमर हरिनाम बिना।
कूप नीर बिनु, धेनु छीर बिनु, धरती मेह बिना।
जैसे तरुवर फल बिन हीना, तैसे ही प्राणी हरिनाम बिना।
देह नैन बिनु, रैन चांद बिनु, मन्दिर दीप बिना।
जैसे पण्डित वेद बिहीना, तैसे ही प्राणी हरिनाम बिना।।