वृन्दावन की कुंज गलिन में vrindavan ki kunja galin me
वृन्दावन की कुंज गलिन में
मन की तपन मिटाओ, राधे राधे गाओ..
कृपा करें हम पर श्रीराधा हम वृन्दावन जायें
सवाकुज में दरस परस कर भक्ति भाव प्रगटाय
सवाकुज में दरस परस कर भक्ति भाव प्रगटाय
कुजगलियन में सन्त दरस कर जीवन सफल बनायो।।
वृज चौरासी कोस की मैया, महिमा सबते न्यारी
गोकुल नंद गांव बरसाना, गोवर्धन गिरधारा
गोपी रूप बनाकर अपना, गोपेश्वर प आआ
श्रीहरिदास के बांके बिहारी, सूर के मोहन मुरारी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, भक्तों के बनवारी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, भक्तों के बनवारी
भक्तिभाव से नमन करो तो प्रिय दर्शन को पाओ।।
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