यस्ते ददाति रवमस्य वरं ददासि shiva slokas in sanskrit lyrics
यस्ते ददाति रवमस्य वरं ददासि
यो वा मदं वहति दमं विधत्से।
इत्यक्षरद्वयविपर्ययकेलिशील
किं नाम कुर्वति नमो न मनः करोषि ॥१५॥
(हे शङ्कर!) जो तुम्हें रव देता (स्तुति करता) है, उसे तुम (रवका उलटा) वर देते हो; जो (मूर्ख आपके सम्मुख) मद प्रकट करता है, उसकी खबर आप दम (दण्ड, मदका उलटा दम) से लेते हैं;इस प्रकार अक्षरद्वयको उलट-फेर करनेका खेल आपको बहुत ही पसंद है ! तो फिर मेरे नम: कहनेपर ( मेरी तरफ नम:का उलटा) अपना मन क्यों नहीं फेरते? ॥ १५ ॥
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