F स्फुरत्स्फारज्योत्स्नाधवलिततले shiva slokas in sanskrit lyrics - bhagwat kathanak
स्फुरत्स्फारज्योत्स्नाधवलिततले shiva slokas in sanskrit lyrics

bhagwat katha sikhe

स्फुरत्स्फारज्योत्स्नाधवलिततले shiva slokas in sanskrit lyrics

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स्फुरत्स्फारज्योत्स्नाधवलिततले क्वापि पुलिने 
सुखासीनाः शान्तध्वनिषु शान्तध्वनिषु रजनीषु धुसरितः।
भवाभोगोद्विग्नाः शिव शिव शिवेत्यार्तवचसा 
कदा स्यामानन्दोद्गतबहुलबाष्पाप्लुतदृशः॥१४॥ 
नि:शब्द रात्रिके समय चारु चन्द्रिकासे धोये हुए श्रीजाह्नवीके धवल तटपर सुखपूर्वक बैठे हुए, सांसारिक सुखोंसे सन्तप्त होकर दीनवाणीसे 'शिव! शिव !! शिव !!!'- ऐसा कहते हुए आनन्दोद्गत प्रचुर प्रेमाश्रुओंसे मेरे नेत्र कब भरेंगे? ॥ १४ ॥

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