या व्रज में कछु देख्यो री टोना ya braj me kachhu dekho ri tona
या व्रज में कछु देख्यो री टोना।
ले मटकी सिर चली गुजरिया, आगे मिले बाबा नंद के छौना।
दधि को नाम बिसरि गयो प्यारी ले लेहु री कोई स्याम सलोना।।
वन्दावन का कुज गलिन में ऑखि लगाय गयो मनमोहना।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर सुन्दर स्याम सुघर रस लौना।।
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